Monday 24 October 2016

थायराइड ग्रंथि और उसके कार्य

थायरॉयड ग्रंथि एक तितली के आकार का अंग होता हे जो आपके एडमस apple के नीचे आपकी गर्दन में होता हे। इसमें दो lobes होते है एक राईट लोब और दूसरा लेफ्ट लोब । महिलायों में थायरॉयड ग्रंथि पुरषों के मुकाबले बड़े आकार की होती है।
थायराइड ग्रंथि मुख्य रूप से T3 और T4 हार्मोन का निर्माण करके शरीर के metabolism को नियमित करने के लिए जिम्मेदार होती हैं।
आपका metabolism बताता हे कि 
  • कितनी जल्दी आप भोजन पचा सकते है,
  • कितनी तेजी से आपका  दिल धड़कता है,
  • आपका शरीर कितना गर्मी उत्पन्न करता है
  • और यहां तक कि आप कितनी जल्दी सोच सकते हैं
        थायराइड हार्मोन के उत्पादन का नियंत्रण एक दुसरे हार्मोन द्वारा किया जाता है जिसे थायराइड stimulating हार्मोन या TSH कहते हैं। TSH हार्मोन पिट्यूटरी gland द्वारा produce किया जाता हैं। पिट्यूटरी gland मस्तिष्क के नीचे स्थित होती हे। जब  शरीर में थायराइड हार्मोन का स्तर कम हो जाता हे तब hypothalamus एक होरमोन जिसे TRH कहा जाता हे को produce करता है ये TRH, पिट्यूटरी gland को सिग्नल देता है और पिट्यूटरी gland TSH को अधिक मात्रा में produce करता है। यह TSH होरमोन, थायराइड gland को सिग्नल भेजता है और थायराइड gland T3 व T4 को अधिक मात्रा में produce करने लगता है उसी तरह जब शरीर में थायराइड हार्मोन की संख्या अधिक हो जाती है, तो TRH होरमोन पिट्यूटरी gland को कम TSH produce करने का सिग्नल देता है तत्पश्चात TSH हॉर्मोन थायरायड gland को कम T3 व् T4 produce करने का सिग्नल देता हे जिसके फलस्वरूप थायरॉयड ग्रंथि थायराइड हार्मोन के उत्पादन को कम कर देती है।
T3 को Tri-iodo thyronine कहा जाता है।
T4 को Tetra-iodo-thyroxine कहा जाता है।
T3 होरमोन के अणु में आयोडीन के तीन परमाणु होते है इसलिए इसे T3 कहा जाता है
इसी प्रकार T4 होरमोन के अणु में आयोडीन के चार परमाणु होते हैं जिसकी वजह से इसे T4 कहा जाता है।
T4 वास्तव में T3 हार्मोन की तुलना में कम सक्रिय होता है लेकिन हम गोलियों के रूप में सिंथेटिक T4 हार्मोन लेते हैं क्योंकि हमारे शरीर में T3 को टी -4 के द्वारा उत्पन्न किया जा सकता है। जब T4 हार्मोन कुछ अंगों में संपर्क में आते हैं जैसे की लीवर, तब T4 एक आयोडीन परमाणु खोकर T3 में परिवर्तित हो जाता है।
आदमी या महिलाओं में T3, T4 और TSH हार्मोन का सामान्य स्तर :
T3                     0.60 - 1.80 ng/ml
T4                     4.5 – 10.9 mcg/dl
TSH                   0.35 – 5.5 mIu/L
कृपया ध्यान दें कि यह होरमोन लेवल, गर्भवती महिला के लिए नहीं है।

थायराइड रोगों के प्रकार

  1. Hypothyroidism
        जब थायरॉयड ग्रंथि थायराइड हार्मोन की कम संख्या पैदा करता है, तो यह Hypothyroidism कहा जाता है।
  1. Hyperthyroidism
        जब थायरॉयड ग्रंथि थायराइड हार्मोन की अधिक संख्या का उत्पादन करता हे, तो यह hyperthyroidism कहा जाता है।
  1. Goiter
        जब थायरॉयड ग्रंथि में सूजन आ जाती है या कई nodules बन जाते हैं तो इसे गोइटर कहा जाता है।

थायराइड रोग के कारण

        Hypothyroidism का मुख्य कारण एक autoimmune disorder है जो शरीर में एंटीबॉडी पैदा करता है। ये एंटीबॉडी थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करते हैं और इसे नष्ट करते हैं। इस स्थिति को हशिमोटो रोग कहा जाता है। कभी कभी थायरॉयड ग्रंथि के कुछ हिस्से को सर्जरी द्वारा हटाने पर हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है। कुछ अन्य कारण जैसे पिट्यूटरी ग्रंथि में समस्या, हाइपोथैलेमस में समस्या या फिर आयोडीन की कमी भी हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकते है। जन्मजात हाइपोथायरायडिज्म के मामले में, नवजात शिशु को hypothyroid रोग हो जाता है।
        Hyperthyroidism का मुख्य कारण 'Grave disease’  है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली, एंटीबॉडी का उत्पादन  कर पूरे थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करती है और थायरॉयड ग्रंथि आवश्यकता से अधिक हार्मोन का उत्पादन करने लगती है। अभी तक वैज्ञानिकों को पता नहीं चल सका हे कि क्यों हमारे शरीर में ही शरीर के ही खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन होता है। कुछ लोग मानते हैं कि यह एक वायरस या बैक्टीरिया की प्रतिक्रिया से हो सकता है, जबकि अन्य लोगों का मानना है कि एक आनुवांशिक दोष हो सकता है।मुख्यतः ऑटो-immune बीमारियों के एक से अधिक कारण होने की सम्भावना सबसे अधिक मानी जाती है।
        गोइटर के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि  autoimmune रोग, benign disease, malignant disease, संक्रमण या फिर आयोडीन की कमी। Goiter रोग में, रोगी की भोजन नली में कम जगह बचती है जिससे रोगी को भोजन और पानी निगलने में परेशान होती है। कभी-कभी रोगी को भी सांस लेने में भी समस्या महसूस हो सकती है।

थायराइड की समस्याओं के लक्षण

Hyperthyroidism के लक्षण
  • Metabolism में वृद्धि होना
  • तेजी से दिल की धड़कन
  • अचानक वजन घटना
  • घबराहट या चिंता
  • पसीना आना
  • मासिक धर्म के पैटर्न में परिवर्तन
  • गर्मी के लिए संवेदनशीलता
  • बार-बार शोच जाना
  • थकान या मांसपेशियों में कमजोरी
  • नींद में कठिनाई
  • थायराइड ग्रंथि में सूजन

हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण
  • Metabolism का धीमा होना
  • भार बढ़ना
  • धीमी गति से दिल धडकना
  • थकान
  • ठंड के प्रति संवेदनशीलता
  • कब्ज
  • रूखी त्वचा
  • बाल झड़ना
  • डिप्रेशन

यह आवश्यक नहीं की आप को सभी लक्षण महसूस हो, आपको एक या दो लक्षण भी महसूस हो सकते हैं

चिकित्सा 

थायराइड हार्मोन की value एक आसान रक्त परीक्षण की मदद से जानी जा सकती है। 
अगर आपको हाइपोथायरायडिज्म हैं तो डॉक्टर आपको एक हार्मोन रिप्लेसमेंट दवा दे सकते हैं जो कि आपको  जीवन भर व् रोज लेनी पड सकती है।
अगर आपको हाइपरथायरायडिज्म हैं, तो आपका ड्रग थेरेपी, सर्जरी या रेडियोधर्मी चिकित्सा के साथ इलाज किया जा सकता है। ड्रग थेरेपी थायराइड हार्मोन के उत्पादन को कम करती है। सर्जरी और रेडियोधर्मी चिकित्सा में थायराइड ग्रंथि के आकार को कम कर दिया जाता है और इसलिए टी -4 हार्मोन का उत्पादन भी कम हो जाता है। रेडियोधर्मी आयोडीन थेरेपी में, रोगी को रेडियो आयोडीन द्वारा उपचारित किया जाता है और हफ्तों या महीनों के दौरान, यह थायरॉयड ग्रंथि का कुछ हिस्सा नष्ट कर देता है और इसलिए टी -4 हार्मोन का उत्पादन भी कम हो जाता है।  सर्जिकल या रेडियो आयोडीन विधि हाइपरथायरायडिज्म इलाज करने के लिए अचूक तरीका नहीं है। यह देखा गया है कि कई रोगियों को ये चिकित्सा लेने के बाद underactive थायराइड की समस्या हो जाती है, जो बाद में दवा के माध्यम से नियंत्रित की जाती है। 
Goiter का सर्जरी या रेडियोधर्मी चिकित्सा द्वारा इलाज किया जा सकता है। 

Dosage

खाद्य पदार्थ या अन्य दवाओं का सेवन थाइरोइड ड्रग्स को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिय थाइरोइड ड्रग्स को खाली पेट, सुबह के समय पानी के साथ लेना चाहिए और दवाई खाने के बाद 30 मिनट तक कुछ नहीं खाना चाहिए। 
Side-effects कुछ लोगों को सीने में दर्द, दस्त, सिर दर्द, पसीना आने  और उल्टी जैसे कुछ साइड इफ़ेक्ट देखे गए है।

प्राकृतिक उपचार

  1. उज्जायी प्राणायाम
  2. कपालभाती प्राणायाम
  3. सर्वांग आसन
  4. हल आसन  

गर्भावस्था में थायराइड

यदि कोई महिला गर्भ धारण करना चाहती हैं तो थायराइड हार्मोन के स्तर की जांच आवश्यक रूप से करवाये। अगर आपको थायराइड समस्या है तो गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है। अगर आपने गर्भ धारण कर भी लिया हे तो गर्भपात होने की संभावना हो जाती है या फिर बच्चे का शारीरिक या मानसिक विकास पूर्ण रूप से होने की सम्भावना कम हो जाती है। गर्भावस्था से पहले अपने थायरॉयड की समस्या का इलाज करवाना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गर्भावस्था के समय यदि आपको थायरायड समस्या का पता चलता हे तो आपको पूरी गर्भावस्था के दौरान थायराइड स्तर को नियंत्रित करने के लिए विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी।          

हाइपोथायरायडिज्म रोग के लिए आहार

क्या खायें
साबुत अनाज जैसे भूरे रंग के चावल, दलिया, जई, आदि
चेरी, शकरकंद (sweet पोटैटो) , टमाटर, Beans, मछली,
Nuts - बादाम, काजू, अखरोट, ब्राजील नट्स
डेयरी उत्पाद जैसे दूध, पनीर, दही
क्या न खाएं
सोया उत्पाद जैसे सोया दूध, सोया सॉस, सोयाबीन पेस्ट, tempeh (एक सोया केक), टोफू

ब्रोकोली, पत्ता गोभी, फूलगोभी, kale

Gluten जो की  गेहूं, जौ, राई से processed foods में पाया जाता है

वसायुक्त खाद्य पदार्थ - फ्रेंच फ्राइज़, चिप्स, तला हुआ चिकन, मक्खन

sugar products

Alchohal

कैफीन

Hyperthyroidism के लिए आहार

क्या खायें 
ओमेगा 3 फैटी एसिड के रूप Nuts - बादाम, काजू, अखरोट, ब्राजील नट्स और जैतून का तेल,अलसी का तेल मछली

डेयरी उत्पाद जैसे दूध, पनीर, दही

Berries (आंवला)  
क्या ना खाएं
नमक, processed foods और तला हुआ भोजन

मैदा,

मीठा खाद्य पदार्थ,

Gluten जो की  गेहूं, जौ, राई से processed foods में पाया जाता है

सोया उत्पाद जैसे सोया दूध, सोया सॉस, सोयाबीन पेस्ट, tempeh (एक सोया केक), टोफू

मक्का

fried onion,  चिप्स, डोनट्स

hydrogenated वनस्पति तेल

कैफीन